मारवाड़ की धरती पर आये गांव झाड़ीसरा में अवतरित पारीक वंश में उत्‍पन्‍न योगी गणेशनाथजी महाराज ने मांझवास गांव में विश्‍व की धरती पर नेपाल की में स्थित काठमान्‍डू में बने भगवान पशुपतिनाथ के मन्दिर की तरह का यह दूसरा मन्दिर स्‍थापित किया है। इस मन्दिर में 41 1/2 साढे इकतालीस मन की अष्‍ट धातु की भगवान पशुपतिनाथ की पंचमुखी मूर्ति स्‍थापित है। वि.सं. 2023 में मांझवास धूणेपर गुरू गोरखनाथ की मूर्ति स्‍थातिप करके ईस्‍वी सन् 1998 में एक विशाल मन्दिर का रूप दिया गया। योगी गणेशनाथ के ब्रह्मलीन होने तक इस मन्दिर की मूर्ति का रोजाना हरिद्वार से लाये ताजे गंगाजल से अभिषेक होता था। राज. रोडवेज की बसों से यह सुविधा प्राप्‍त थी। योगी गणेशनाथजी महाराज ने मूर्ति स्‍‍थापित से पहले इसी मूर्ति द्वारा द्वादश ज्‍योति लिंग की यात्रा की थी। रामेश्‍वरम् से लाय गया राम प्रस्‍तर भी यहां वर्षो तक पानी में तैरता रहा। उस राम प्रस्‍तर से लाखों भक्‍तों ने दर्शन के लाभ उठाकर अपने को धन्‍य किया। इसी जगह 121  कुंडी अतिरूद्र महायज्ञ भी किया गया है।