सृष्टि का आगे‍ किस प्रकार विस्‍तार हुआ, ऋषि पत्नियां कौन थी, इनका विवरण निम्‍न प्रकार दिया जा सकता है-

परब्रह्म

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ब्रह्मा

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प्रजापति ब्रह्मापुत्र

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परब्रह्म

अंगिरा

मरीचि

पुलस्‍त्‍य

पुलह

क्रत

अत्रि

वशिष्‍ठ
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कर्दम ऋषि की पुत्री अरून्‍धती से विवाह

शक्ति (शक्ति आदि सौ पुत्र) पत्‍नी का नाम - अदृश्‍यन्‍ती

पराशर पत्‍नी- सत्‍यवती/मात्‍स्‍य-गंधा

कृष्‍णद्वैपायन वेदव्‍यास-पत्‍नी का नाम अरणी

शुकदेव की पत्‍नी का नाम पीवरी(12 पुत्र उत्‍पन्‍न हुए)

पारीक्ष ब्राह्मणोत्‍पत्ति के अनुसार शुकदेवजी के बारह पुत्र और एक कन्‍या कीर्तिमती उत्‍पन्‍न हुई। कन्‍या का तो विभ्राज के पुत्र अणूह के साथ विवाह कर दिया और पुत्रों को विद्या पढ़ने के लिये भेजा, उनके नाम निम्‍न प्रकार हैं-

संख्‍या मूल नाम गुरू कृत नाम
भरिश्रवा भारद्वाज
प्रभु पराशर
शंभु कश्‍यप
कृष्‍ण कौशिक
गौर गर्ग
श्‍वेतकृष्‍ण गौतम
अरुण मुद्गल
गौरश्‍याम शाण्डिल्‍य
नील कौत्‍स
धूम्र भार्गव
वा‍दरि वत्‍स
उपमन्‍यू धौम्‍य

इस प्रकार शुकदेवजी ने अपने बारह पुत्रों को जिन ऋषियों के पास पढ़ने के लिए भेजा था उन्‍होंने अपना नाम ऋषि गुरू द्वारा रखा नाम ही स्‍वीकार किया एवं गुरूओं ने अपने शिष्‍यों का नाम अपना नाम ही रख दिया।
किन्‍तु परांकुश मुनि के अनुसार- शुकदेवजी के पितृ कन्‍या पीवरी नाम की स्‍त्री से द्वादश पुत्र उत्‍पन्‍न हुए। उक्‍त बारह पुत्रों के नाम निम्‍न प्रकार है तथा उनके गुरुओं द्वारा उनके जो नाम रखे गये वे उनके सामने अंकित किये गये हैं-

संख्‍या मूल नाम गुरू कृत नाम
भूरिश्रवा भारद्वाज
प्रभु पराशर
शंभु कश्‍यप
कृष्‍ण कौशिक
गौर गर्ग
श्‍वेत उपमन्‍यु
कृष्‍ण वत्‍स
गौर शाण्डिल्‍य
श्‍याम भार्गव
धूम्र मुद्गल
वादरि गौतम
उपमन्‍यू कौत्‍स
पारीक्ष संहिता के अनुसार ऋषि-पत्नियों के नाम निम्‍न प्रकार है--
संख्‍या ऋषि धर्म पत्‍नी
भारद्वाज सन्‍तनुऋषि की कन्‍या शांति
पराशर सुमन्‍तु ऋषि की कन्‍या सुमित्र
कश्‍यप पराभवी
कौशिक त्रैगर्ती
गर्ग आलम्‍बुकी
उपमन्‍यु कालिंगी
वत्‍स आनर्ती
शाण्डिल्‍य पतंगा
भार्गव माधवी
मुद्गल सौदाली
गौतम भानुमति
कौत्‍स आप्‍यायनी