किसी भी धर्म, कर्म, संस्‍कार आदि में कुल देवी या माता का ध्‍यान अवश्‍य किया जाता है। दुर्गा सप्‍तस‍ती में कहा गया है कि पुत्र कुपुत्र हो सकता है किन्‍तु माता कुमाता नहीं। हमारी जाति की कुल मातायें कौन-कौन सी हैं तथा किस किस गौत्र की कौन कौन सी मातायें हैं, इनकी जानकारी आवश्‍यक है।

शाखानुसार कुलदेवियां

माता / कुलदेवियां
गौत्र
पराख्‍या (पडोखा)
गोलवाल
(पराय) (पणडोखा)
मेड़तमाल
(पाण्‍डुक्‍या) (परा)
ओजाया
(पड़ाय)
ठकुरा (ठुकरों)
 
घुघाट (घुघाटक)
 
अगरोटा
 
अहोरा
 
बुलबुला
जनेश्‍वरी (जीण)
पुलसाणा
 
दुईवाल (दुहीवाल
 
वुराट (वुराट)
 
आलसरा
 
डसाना (डसाण्‍या)
 
लाड़णवा
 
कामला (कमलो)
 
कुसाट (कुसटा)
 
वंभोरया (भंभारया
 
भरड़ोदा
 
सुचंगा
 
शांडिल्‍य (सांडल) (साडिल)
 
सुरेड़ा
 
भाकला (वाकला)
 
जाड़ोदा
 
दुजारया
 
खटोड़ (कठोड़) (खटबड़)
 
मूण्‍डक्‍या
सूचीकेश्‍वरी (सूचाय)
नगलाड़ा (नगलाण्‍या)
 
केसवाणा (किसवान्‍या)
 
वामणा
 
वामण्‍या (वामणियां)
 
गलवा
 
गोगड़ा
 
पाईवाल
 
गणहड़ा
 
पण्डिता (पिण्‍डताणा)
 
भुरभुरा
 
भण्‍डारी
 
संजोगी
यक्षिणी (जाखण)
कोथल्‍या (को‍‍थलिया)
 
पोम
 
हौड़ीला (हुण्‍डीला)
 
तामड़ा (तवाणिया)
 
पंचोली
 
सतमुण्‍डा (सतमुड़ा)
 
अग्निहोत्री (अगन्‍योता)
 
कौशिक भट्ट
 
भारगो
क्षेमजा(खीवज)
पुण्‍यपालक (पुनपालेसरा)
 
भोंडा (भोण्‍ड्य) (भोट)
 
कठोत्‍या
 
कपड़ोदा
 
रत्‍नपुरा
 
अंलून्‍या
 
मुद्गल
कुंज्‍जला (कुंज्‍जल)
दुजारा (दुजरया) (डीजारया)
 
सकाराणा (सकराणिया)
 
कांथड़ा
 
डांगी
 
लापस्‍या
 
बुडाणा
समरेश्‍वरी(समराय)
ओड़ीटा
 
रजलाणा (रजलाणियां)
 
सोती
 
दहगोत
 
सुमनत्‍या
 
लाछणावा
चामुण्‍डा
हलहला (हलहरया)
 
जांगलवा
 
भ्रामणा
 
डाबड़ा
 
कायल (काहल)  (कहाल)
कालिका(भद्रकाली)
वरणा
(वरदायिनी)
विडजारा (विणजारा)
 
दुरघाट (दुरगाट)
 
पुरपाट
 
पाठक
चित्रमुखी (चतुर्मुखी)
मलगोत (मलगोता)
 
कासू‍मीवाल
 
कीलणावा
कुमारिका (आदि कुमारिका)
अजमेरा
 
कुलत्‍था (कुलहता) (कुलहलो)
 
सोतड़ो
सुरसा (सुरसाय)
जहेला
 
जाबलां
 
दुलीचा
त्रिपुर सुंदरी(तिपराय)
जेरठा (जोरठा)
 
पापड़ (पापट)
 
पदमाणियां
सुदर्शना (सुद्रासणा)
मलबड़
 

वागुड़या

बीजंला (विधुद्रुपा)
विलसरा (विणसरा)
 
वावार
 
वय्या
तार (ताराय)
पदमाण्‍या
अम्‍बा (अम्बिका) (बुढ़ाणा)
दिखत
 
देवपुरा
नारायणी (नानणा) (लहण)
केसोट
ललिता (बूढ़ंणा)
गारग
(लहणा) (वृद्धेश्‍वरी)
रोजड़ा
अश्‍नोतरी
दक्ष (दाख)
 
रहटा
केसरी
शाखा श्रृंगार
आदिशक्ति
वीणसरा

1. अगरोटा की कुल देवी पराख्‍या हैं किन्‍तु कहीं-कहीं इनकी कुलमाता चित्रमुखी बतायी गई हैं।
2. भारगो(भार्गव) की कुल देवी जाखणा या यक्षिणी हैं किन्‍तु कहीं-कहीं इनकी कुलमाता कालिका बताई गई हैं।
3. देवपुरा की कुलदेवी अम्‍बा या बुढ़ाणा हैं किन्‍तु कहीं-कहीं इनकी कुल माता वद्धेश्‍वरी बताई गई हैं।
4. गारग की कुलमाता नारायणी हैं किन्‍तु कहीं-कहीं इनकी कुल माता ललिता या बुढ़ण बताई गई हैं।